हरिद्वार में श्रद्धा पर भारी पड़ी भीड़ — मनसा देवी मंदिर की सीढ़ियों पर भीड़ ने मचाई तबाही, 6 श्रद्धालुओं की मौत, 35 घायल
सुबह 9 बजे, आपदा का सीन
- आज सुबह 9 बजे के करीब, हरिद्वार के प्रसिद्ध मनसा देवी मंदिर की सीढ़ियों पर अचानक अफरा-तफरी फैल गई। भीड़ में एक व्यक्ति फिसला, लेकिन अफवाह फैली कि बिजली की तार टूट गई है और करंट लग रहा है। यह सुनते ही हजारों श्रद्धालुओं ने परम संयम खो दिया — भगदड़ मच रही थी।
- वादों की भारतीय झुंड वाले मुहावरे की तरह, नीचे की ओर धक्का-मुक्की से लोग नीचे गिरे, ऊपर से लोग नीचे की ओर दौड़ पड़े — नतीजा ये हुआ कि 6 लोगों की जान चली गई। बहुत लोग घायल हो गए, कुछ की हालत गंभीर है।
अफ़वाह जिसने मचाई तबाही
मंदिर के ट्रस्ट अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने साफ़ कहा:
- यह बिजली की वजह से नहीं हुआ, बल्कि कोई गिर गया था और अफवाह फैल गई थी।”
- रिपोर्ट्स से पता चला कि electricity कारण नहीं थी, UPCL ने भी इसे झूठा क़रार दिया
चश्मदीद ने जो देखा
एक भक्त ने बताया:
पहले थोड़ी जगह थी, फिर अचानक ऊपर से भारी भीड़ आई और सब गिरने लगे। कई बच्चे तक दब गए।”
- नुमानतः – भीड़ का इलाज narrow सीढ़ी मार्ग से था, जो कांवड़ यात्रा खत्म होने के बावजूद खुला हुआ था। अधिकारी बड़ा सवाल उठा रहे हैं कि इतनी भीड़ में इतना कमजोर infrastructure क्यों था /
- 6 श्रद्धालु मारे गए, जिनमें वयस्क, युवा और बच्चे शामिल हैं
- लगभग 35 लोग घायल, कुछ को AIIMS हरिद्वार और District Hospital रिफर किया गया
- उन मृतकों में शामिल हैं: अरुष (12 वर्ष), शकैल (18 वर्ष), विपिन सैनी (18 वर्ष) ___
- 🛡 प्रशासन की प्रतिक्रिया
- सीएम पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट किया:
- > यह घटना बहुत ही दुखद है। मैं प्रशासन के संपर्क में हूं और स्थिति पर नजर रख रहा हूँ।,,
- उन्होंने बताया कि मृतकों के परिवारों को ₹2 लाख, घायल व्यक्तियों को ₹50,000 आर्थिक सहायता दी जाएगी। साथ ही एक magisterial inquiry शुरू कर दी गई है। (उच्च अधिकारियों द्वारा admittance),,,
- हरिद्वार पुलिस प्रमुख SSP प्रमेंद्र सिंह दोबाल ने बताया कि सभी घायल सुरक्षित अस्पताल भेज दिए गए और राहत कार्य जारी है।
खोजी जा रही असली वजह
चश्मदीद और अधिकारियों की शुरुआती रिपोर्ट्स के अनुसार:
- अफवाह (electric wire slip) = प्रमुख ट्रिगर
- भीड़ नियंत्रण व्यवस्था की कमी भी बड़ा सवाल है
- narrow footpath और एक दीवार ने bottleneck बनाया था, जिससे स्थिति और बिगड़ी।,,
- राज्य की disaster management टीम और SDRF टीमों ने तुरंत rescue operations शुरू कर दिए थे। स्थिति अब काबू में है, लेकिन व्यवस्थाओं पर सवाल बरकरार हैं।
भविष्य में सुधार की राह
- भीड़ नियंत्रण पर असरदार कदम: Barricade, queue system, traffic flow
- Afroction suppression: PA system, announcements, dedicated volunteers
- Infrastructure सुधार — narrow staircases को widen करना
- Emergency exit routes तय करना; medical evacuation corridor तैयार रखना
- मोदी जी ने भी दुख जताया और घायल लोगों की स्वास्थ्य लाभ की कामना की है।,,
- निष्कर्ष और संवेदनशीलता
- यह घटना हिन्दू तीर्थयात्रा के दौरान होने वाली संभावित परेशानियों का एक दुःखद उदाहरण है। यह बताती है कि सरकारी व्यवस्था, सुरक्षा व्यवस्था, और अफवाह नियंत्रण में अभी भी कमी है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेना हम सभी की नैतिक ज़रूरत हो गई है।
उत्तराखंड: हरिद्वार मनसा देवी मंदिर भगदड़ — 6 श्रद्धालुओं की मौत, अफवाह से फैली भगदड़
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