राजस्थान की पीहू की भावुक कहानी: आखिरी पलों में भी भाई से कहा ,तू जाकर खाना खा ले,

 ICU के आखिरी पलों में भी भाई की चिंता करती रही पीहू, बोली ,तू जाकर खा ले, मैं कहीं नहीं जा रही 

राजस्थान के जालौर जिले की रहने वाली 23 साल की प्रियंका, जिसे सब प्यार से पीहू कहते थे, लंबे समय से कैंसर की बीमारी से जूझ रही थीं। यह हड्डियों का कैंसर था, जिसने धीरे-धीरे उनके पूरे शरीर को कमजोर कर दिया था। डॉक्टरों ने भी साफ कह दिया था कि अब ज्यादा उम्मीद नहीं है। लेकिन इन सबके बावजूद पीहू हमेशा हिम्मत के साथ जीती रहीं। वह खुद दर्द में थीं, फिर भी अपने परिवार को हौसला देती थीं।

ICU में पीहू अपने भाई के पास
                         कैंसर से जूझते हुए भी मुस्कान के साथ दुनिया को अलविदा कह गई पीहू।

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ICU में मनाया आखिरी जन्मदिन

कुछ दिन पहले पीहू का जन्मदिन आया। परिवार जानता था कि शायद यह उनका आखिरी जन्मदिन हो, इसलिए सबने तय किया कि इसे खास बनाया जाएगा। अस्पताल के ICU में ही छोटा-सा केक लाया गया। परिवार के लोग, रिश्तेदार और दोस्त वहां मौजूद थे। ICU का माहौल थोड़ी देर के लिए उत्सव जैसा हो गया। पीहू ने अपने हाथों से मोमबत्तियां बुझाईं और हंसते हुए केक काटा। उनके चेहरे पर वही मासूम मुस्कान थी, जो हमेशा सबको खुश कर देती थी। उस पल को देखकर वहां मौजूद हर किसी की आंखें भर आईं, क्योंकि सब जानते थे कि यह आखिरी बार है जब वह अपने जन्मदिन का जश्न मना रही हैं। https://www.newsrohit.com/

भाई के लिए चिंता

जन्मदिन मनाने के बाद जब सब चुपचाप उन्हें देख रहे थे, तब पीहू ने अपने भाई की तरफ देखा। उनका भाई उनके पास बैठा रो रहा था। तभी पीहू ने बहुत ही प्यारे और मासूम शब्द कहे –
“तूने खाना नहीं खाया है, जाकर खा ले। मैं कहीं नहीं जा रही।” ये शब्द सुनकर सबकी आंखों से आंसू बह निकले। सोचिए, खुद ICU में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही पीहू को अपने दर्द की चिंता नहीं थी, बल्कि अपने भाई की भूख की चिंता थी। यह बात हर किसी के दिल को छू गई।

ICU में गंभीर स्थिति का दृश्य
                      23 साल की पीहू की यह मुस्कान हमेशा सबके दिलों में जिंदा रहेगी।

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मुस्कुराते हुए अलविदा

पीहू ने अपने परिवार से एक और बात कही –
“मैं हंसते-हंसते जाना चाहती हूं।”
और सच में, थोड़ी देर बाद जब उन्होंने आखिरी सांस ली तो उनके चेहरे पर हल्की-सी मुस्कान थी। यह मुस्कान परिवार के लिए हमेशा एक याद बनकर रह जाएगी। https://www.newsrohit.com/

पूरे गांव में गम का माहौल

पीहू की मौत की खबर पूरे गांव में फैल गई। हर कोई स्तब्ध था। लोग कह रहे थे कि इतनी हिम्मत और मजबूती उन्होंने आज तक किसी में नहीं देखी। जिन लोगों ने ICU में उनका आखिरी जन्मदिन देखा, वे उस पल को कभी नहीं भूल पाएंगे। परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है, लेकिन उनके दिल में यह सुकून भी है कि पीहू ने आखिरी समय तक मुस्कुराते हुए सबको संदेश दिया।

रिश्तों की सच्ची मिसाल

पीहू की यह कहानी सिर्फ एक खबर नहीं है, बल्कि रिश्तों की असली ताकत को दिखाती है। एक बहन जिसने अपने आखिरी पलों में भी भाई की चिंता की, यह बहुत बड़ी बात है। आज के दौर में जहां लोग छोटी-छोटी बातों पर रिश्ते तोड़ देते हैं, वहीं पीहू ने साबित किया कि असली रिश्ता वही है जिसमें दूसरों का ख्याल अपनी तकलीफ से बड़ा हो।  https://www.newsrohit.com/2025/09/ai.html

जिंदगी से सीख

पीहू का जीवन छोटा था, लेकिन उनकी बातें और उनकी मुस्कान हमेशा याद दिलाएंगी कि जिंदगी कितनी भी मुश्किल क्यों न हो, हमें मुस्कुराना नहीं छोड़ना चाहिए। उन्होंने हमें यह भी सिखाया कि मौत के सामने भी इंसान हिम्मत और प्यार के साथ खड़ा रह सकता है। पीहू अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनकी कहानी हमेशा जिंदा रहेगी। उनके आखिरी शब्द और उनकी मुस्कान हर किसी के दिल को छू गई। उनकी यह कहानी हमें सिखाती है कि अपनों का ख्याल रखना ही जिंदगी का सबसे बड़ा सच है। https://www.newsrohit.com/

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