कानपुर सूटकेस मर्डर: ब्रेकअप का झूठ और कत्ल की सच्चाई
पुलिस जांच में सामने आया है कि दोनों के बीच कई बार झगड़े हुए। आखिरी बार जब विवाद बढ़ा, तो सूरज ने गुस्से में आकांक्षा का गला दबाकर हत्या कर दी। हत्या के समय उसका साथी आशीष भी मौजूद था। यह घटना अचानक नहीं हुई, बल्कि कहा जा रहा है कि सूरज ने इसे पहले से सोचा हुआ था। https://www.newsrohit.com/
शव को छुपाने की साजिश
कत्ल के बाद सबसे बड़ी चुनौती थी कि शव को कैसे छुपाया जाए। सूरज और आशीष ने मिलकर आकांक्षा का शव एक बड़े सूटकेस में भर दिया। इसके बाद दोनों उसे कार में रखकर कानपुर से करीब 100 किलोमीटर दूर बांदा जिले के चिल्लाघाट पुल तक ले गए। वहाँ से उन्होंने सूटकेस को यमुना नदी में फेंक दिया ताकि कोई सबूत न मिल सके।
ब्रेकअप का झूठ और डिजिटल चाल
हत्या को छुपाने के लिए सूरज ने चालाकी दिखाई। उसने आकांक्षा के फोन से परिवार और दोस्तों को मैसेज भेजे, ताकि ऐसा लगे कि वह कहीं चली गई है। साथ ही, मोबाइल की लोकेशन को भी इस तरह सेट किया गया कि सबको धोखा मिल सके। यह पूरा खेल ब्रेकअप का झूठ फैलाकर कत्ल की सच्चाई छुपाने का था। लेकिन डिजिटल सबूतों ने ही उसका झूठ खोल दिया।
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पुलिस की जांच और गिरफ्तारी
जब आकांक्षा का परिवार उससे संपर्क नहीं कर पाया तो उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने तकनीकी जांच शुरू की।
- मोबाइल कॉल डिटेल्स (CDR) खंगाले गए।
- लोकेशन की जांच की गई।
- CCTV फुटेज भी चेक किए गए।
धीरे-धीरे सारी कड़ियां सूरज की ओर इशारा करने लगीं। पुलिस ने उसे हिरासत में लिया और सख्ती से पूछताछ की। आखिरकार सूरज ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। उसके साथी आशीष को भी गिरफ्तार किया गया।
शव की तलाश
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सूटकेस को यमुना में फेंकने के बाद शव बरामद करना आसान नहीं था। गोताखोरों और स्थानीय प्रशासन की मदद ली गई। हालांकि कुछ खबरों में यह भी कहा गया कि शव की तलाश अभी जारी है। पुलिस लगातार नदी में तलाशी अभियान चला रही है ताकि परिवार को अंतिम संस्कार के लिए शव सौंपा जा सके।
पड़ोसियों और परिवार की प्रतिक्रिया
आकांक्षा के परिवार और दोस्तों को इस खबर से गहरा सदमा पहुँचा है। उन्हें विश्वास नहीं हो रहा कि एक भरोसेमंद रिश्ते का इतना डरावना अंत हो सकता है। वहीं, पड़ोसियों का कहना है कि दोनों के बीच तनाव की बातें पहले भी सुनाई देती थीं, लेकिन किसी ने अंदाज़ा नहीं लगाया था कि बात हत्या तक पहुँच जाएगी।
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समाज के लिए संदेश
यह घटना सिर्फ एक क्राइम स्टोरी नहीं है, बल्कि समाज के लिए चेतावनी भी है। रिश्तों में मतभेद होना आम बात है, लेकिन अगर बातचीत और समझदारी से इन्हें सुलझाया न जाए तो नतीजे बेहद खतरनाक हो सकते हैं। साथ ही, यह केस दिखाता है कि आज के समय में अपराधी कितनी भी चालाकी कर लें, डिजिटल सबूत सच सामने ला ही देते हैं। https://www.newsrohit.com/
कानपुर का यह सूटकेस मर्डर केस हमें सिखाता है कि प्यार और भरोसे के रिश्तों में झूठ और दबाव कितना खतरनाक साबित हो सकता है। आकांक्षा की जान गई, सूरज और उसका साथी जेल की सलाखों के पीछे पहुँच गए, और दोनों परिवारों की ज़िंदगियाँ बर्बाद हो गईं।
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