तान्या मित्तल: कुंवारी होकर भी रखती हैं करवाचौथ का व्रत, बिग बॉस में बताई वजह

तान्या मित्तल: कुंवारी होकर भी रखती हैं करवाचौथ का व्रत

बिग बॉस 19 की कंटेस्टेंट तान्या मित्तल ने हाल ही में एक बड़ा खुलासा किया। उन्होंने बताया कि वे कुंवारी होते हुए भी करवाचौथ का व्रत क्यों रखती हैं। इस खुलासे ने उनके फैंस को हैरान कर दिया।

तान्या मित्तल की धार्मिक परंपरा
                 तान्या मित्तल, कुंवारी होने के बावजूद निभाती हैं करवाचौथ का व्रत।

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तान्या मित्तल की पर्सनल कहानी

तान्या मित्तल ने अपने व्यक्तिगत जीवन और ब्रेकअप के अनुभव के बारे में घर के अंदर खुलकर बात की। उन्होंने बताया कि उनके पूर्व बॉयफ्रेंड ने उन्हें उनकी खूबसूरती के कारण छोड़ दिया था। यह अनुभव उनके लिए काफी दुखद था, लेकिन उन्होंने इसे सकारात्मक सोच और आत्मिक मजबूती में बदल दिया। तान्या के अनुसार, उनका करवाचौथ का व्रत उनके लिए अपने आप से वचनबद्ध रहने और आत्मिक संतोष का प्रतीक है। यह व्रत उन्हें धैर्य, समर्पण और मानसिक शक्ति का अनुभव कराता है। https://www.newsrohit.com/

 कुंवारी तान्या का करवाचौथ परंपरा के प्रति समर्पण

परंपरा के अनुसार, करवाचौथ केवल शादीशुदा महिलाओं द्वारा पति की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए रखा जाता है। लेकिन तान्या ने इसे अपने तरीके से अपनाया। उनके लिए यह धार्मिक कर्तव्य नहीं बल्कि आत्मिक अनुशासन और सम्मान का प्रतीक है।तान्या ने कहा कि यह व्रत उन्हें अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और आत्मविश्वास देने में मदद करता है। वे इसे अपने भविष्य के लिए प्रेरणा और अपने सपनों की सफलता का संकेत मानती हैं। तान्या मित्तल का धार्मिक उत्साह             करवाचौथ पर तान्या का यह कदम लोगों को प्रेरित कर रहा है।

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 बिग बॉस में अपने अनुभव साझा किए

बिग बॉस के घर में तान्या ने अपने व्रत के पीछे की वजह फैंस के साथ साझा की। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका व्रत किसी व्यक्ति या पति के लिए नहीं बल्कि खुद के प्रति सम्मान और आस्था के लिए है। उनके इस खुलासे ने दर्शकों को बहुत प्रभावित किया। सोशल मीडिया पर भी फैंस ने तान्या की सराहना की। कई लोगों ने कहा कि तान्या ने समाज की पुरानी सोच को चुनौती दी और अपने आस्था और विश्वास के साथ एक मजबूत संदेश दिया।

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 तान्या मित्तल का यह पहल युवाओं में भी उत्साह और सम्मान बढ़ा रहा है।

तान्या मित्तल की कहानी यह सिखाती है कि व्यक्तिगत विश्वास और आस्था हमेशा समाज की परंपरा से ऊपर हो सकती है। उनका यह कदम बताता है कि खुद पर विश्वास, आत्मिक शक्ति, और अपने फैसलों में सच्चाई ही जीवन में सफलता और संतोष दिला सकती है। उनका यह व्रत उन युवाओं के लिए प्रेरणा बन सकता है, जो खुद के निर्णय और आस्था को लेकर संकोच या डर महसूस करते हैं। तान्या ने दिखा दिया कि परंपरा का पालन केवल समाज के दबाव में नहीं बल्कि अपनी समझ और विश्वास के अनुसार होना चाहिए। https://www.newsrohit.com/

तान्या मित्तल ने साबित किया कि कुंवारी होने पर भी करवाचौथ का व्रत रखना, आत्मिक संतोष, मानसिक शक्ति और सकारात्मक सोच का प्रतीक बन सकता है। उनका यह कदम हमें सिखाता है कि अपने विश्वास और आस्था पर टिके रहना, समाज की अपेक्षाओं से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। 

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