दिल्ली में यमुना का रौद्र रूप, वासुदेव घाट से मोनास्ट्री मार्केट तक जलमग्न
दिल्ली इस समय यमुना नदी के उफान से जूझ रही है। लगातार हो रही बारिश और हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी ने नदी के जलस्तर को तेजी से बढ़ा दिया है। इसका असर राजधानी के कई इलाकों पर देखने को मिल रहा है। खासतौर पर वासुदेव घाट से लेकर मोनास्ट्री मार्केट तक का इलाका पूरी तरह पानी में डूब चुका है, जिससे लोगों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
मोनास्ट्री मार्केट इलाके में बाढ़ का असर, सड़कों पर फैला पानी।यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर
दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर लगातार खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है। प्रशासन का कहना है कि हालात पर कड़ी नज़र रखी जा रही है, लेकिन नदी का बढ़ता जलस्तर चिंता का विषय है। विशेषज्ञों के अनुसार, जब तक उत्तर भारत में बारिश का दौर जारी रहेगा, तब तक राहत की उम्मीद कम ही है। https://www.newsrohit.com/
वासुदेव घाट पर संकट
वासुदेव घाट, जो धार्मिक दृष्टि से बेहद अहम जगह है, अब पूरी तरह जलमग्न हो चुका है। यहां रोज़ाना पूजा और स्नान करने आने वाले श्रद्धालु अब बाढ़ के कारण दूर रह रहे हैं। घाट के मंदिर और आस-पास की दुकानों में पानी घुस गया है। कई पुजारियों और दुकानदारों को अपनी रोज़ी-रोटी पर गहरा असर पड़ने की चिंता सता रही है।
नदी किनारे बसे इलाकों में जलभराव, लोगों के सामने रोजमर्रा की दिक्कतें।https://www.newsrohit.com/2025/08/blog-post_31.html
मोनास्ट्री मार्केट में दुकानदारों की मुश्किलें
दिल्ली का लोकप्रिय मोनास्ट्री मार्केट, जहाँ रोज़ सैकड़ों युवा और पर्यटक खरीदारी के लिए आते हैं, अब बाढ़ की चपेट में है। दुकानों में पानी भर गया है और व्यापारियों ने शटर बंद करने को मजबूरी बना लिया है।
दुकानदारों का कहना है कि इस सीज़न में अच्छा कारोबार होने की उम्मीद थी, लेकिन अब बाढ़ ने सब चौपट कर दिया है। कई लोग अपने सामान को सुरक्षित स्थान पर ले जाने के लिए रातभर मेहनत कर रहे हैं।
स्थानीय लोगों की दिक्कतें
यमुना किनारे बसे हजारों परिवारों के घरों में पानी घुस गया है। कई लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है। राहत शिविरों में खाने-पीने और रहने की व्यवस्था की गई है, लेकिन भीड़ ज्यादा होने से दिक्कतें आ रही हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि हर साल बाढ़ आती है, लेकिन इस बार हालात पहले से कहीं ज्यादा खराब हैं। बच्चों और बुजुर्गों के लिए हालात सबसे मुश्किल हो रहे हैं। https://www.newsrohit.com/
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प्रशासन की कोशिशें और चुनौतियाँ
दिल्ली प्रशासन ने हालात से निपटने के लिए NDRF और SDRF की टीमों को तैनात किया है। नाव और मोटरबोट की मदद से फंसे लोगों को बाहर निकाला जा रहा है।
ट्रैफिक पुलिस ने कई रास्तों को बंद कर दिया है ताकि लोग खतरे में न जाएँ। हालांकि लगातार बढ़ता पानी और तेज़ धारा बचाव कार्य को कठिन बना रहे हैं। https://www.newsrohit.com/
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विशेषज्ञों की चेतावनी
जल विशेषज्ञों का कहना है कि अगर बैराज से और पानी छोड़ा गया तो हालात और बिगड़ सकते हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में राजधानी को और सतर्क रहने की जरूरत है।
साथ ही उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया है कि सरकार को भविष्य में इस तरह की स्थितियों से बचने के लिए लंबी योजना बनानी होगी। https://www.newsrohit.com/
दिल्ली में यमुना का रौद्र रूप इस समय राजधानी के लिए बड़ी चुनौती है। वासुदेव घाट से मोनास्ट्री मार्केट तक जलमग्न इलाक़े इस बात का सबूत हैं कि प्राकृतिक आपदा के सामने इंसान कितना असहाय हो सकता है। प्रशासन राहत और बचाव में जुटा है, लेकिन लोगों की परेशानियाँ फिलहाल कम होने के आसार नहीं दिखते।
यह बाढ़ न सिर्फ़ शहर के जीवन को अस्त-व्यस्त कर रही है, बल्कि यह सवाल भी खड़ा कर रही है कि क्या भविष्य में दिल्ली ऐसे हालातों के लिए तैयार है? https://www.newsrohit.com/
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