दिल्ली में यमुना का जलस्तर: घटा जरूर, लेकिन खतरा अब भी बरकरार
दिल्ली में इस वक्त सबसे बड़ी चिंता यमुना नदी का जलस्तर है। लगातार कई दिनों तक खतरे के निशान से ऊपर बहने के बाद अब नदी का पानी धीरे-धीरे कम हो रहा है। लेकिन राहत की सांस पूरी तरह लेने का वक्त अभी नहीं आया है, क्योंकि यमुना अब भी डेंजर लेवल यानी 205.33 मीटर से ऊपर है। https://www.newsrohit.com/
दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर, निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात।https://www.newsrohit.com/2025/09/blog-post_6.html
ताज़ा स्थिति (7 सितम्बर 2025, सुबह तक)
- रविवार सुबह यमुना का जलस्तर 205.59 मीटर दर्ज किया गया।
- शनिवार को यह स्तर 206.47 मीटर तक पहुंच गया था। यानी अब कुछ कमी आई है।
- हालांकि, सामान्य स्थिति तब मानी जाएगी जब नदी का स्तर खतरे के निशान से नीचे उतर जाएगा।
प्रभावित इलाके
यमुना का जलस्तर घटने के बावजूद निचले इलाकों की तस्वीर डराने वाली बनी हुई है।
- लोहे का पुल (शाहदरा, कश्मीरी गेट के पास) के निचले हिस्से में अब भी पानी भरा है।
- यमुना बाजार, मजनू का टीला, कुदेसिया घाट और सिविल लाइन्स के कुछ हिस्से बुरी तरह प्रभावित हैं।
- कई जगहों पर सड़कों और गलियों में पानी भरा हुआ है, जिससे आवागमन मुश्किल हो गया है।
बिजली और पानी की किल्लत
- कई इलाकों में बाढ़ की वजह से बिजली की आपूर्ति बंद है। खासकर सिविल लाइन्स जैसे VIP इलाकों में अब भी अंधेरा छाया है।
- राहत शिविरों में रहने वाले लोगों को पीने के पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
राहत शिविरों में हालात
सरकार और प्रशासन ने हजारों लोगों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया है।
- राहत शिविरों में बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो, इसके लिए अस्थायी कक्षाएं चल रही हैं।
- लेकिन शिविरों में रहने वाले लोग अब बुखार, त्वचा पर चकत्ते और फंगल इंफेक्शन जैसी बीमारियों से परेशान हैं।
- स्वच्छता की कमी और गंदा पानी बीमारियों को और बढ़ावा दे रहा है। https://www.newsrohit.com/
बचाव और प्रशासन की तैयारी
- NDRF और स्थानीय प्रशासन ने अब तक हजारों लोगों को सुरक्षित निकाला है।
- ड्रोन कैमरों से निगरानी की जा रही है ताकि पानी की स्थिति और इलाकों में हालात पर नज़र रखी जा सके।
- प्रशासन की अपील है कि लोग अफवाहों पर ध्यान न दें और सरकारी अपडेट्स को ही फॉलो करें।
आगे का मौसम
- मौसम विभाग (IMD) ने अगले दो-तीन दिनों तक हल्की से मध्यम बारिश का अलर्ट जारी किया है।
- अच्छी खबर यह है कि हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से यमुना में पानी का छोड़ा जाना अब कम हो गया है, जिससे जलस्तर और नीचे आने की उम्मीद है।
- लेकिन अगर NCR या उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश हुई, तो खतरा फिर बढ़ सकता है।
हालात का टाइमलाइन (पिछले 3 दिन)
- 4 सितम्बर: यमुना ने 207 मीटर का आंकड़ा पार किया, जिससे हालात बिगड़ने लगे।
- 5 सितम्बर: पानी का स्तर घटकर 206.80 मीटर पर आया।
- 6 सितम्बर: जलस्तर 206.47 मीटर दर्ज हुआ।
- 7 सितम्बर (सुबह): 205.59 मीटर, यानी खतरे के निशान से ऊपर लेकिन गिरावट जारी।
आम जनता के लिए सलाह
- यमुना किनारे या निचले इलाकों में रहने वाले लोग अभी घर वापसी न करें।
- प्रशासन की ओर से जारी निर्देशों का पालन करें।
- बच्चों और बुजुर्गों को गंदे पानी से दूर रखें, ताकि बीमारी न फैले।
- पीने का पानी उबालकर ही इस्तेमाल करें। https://www.newsrohit.com/
दिल्ली में यमुना का जलस्तर भले ही कम होने लगा है, लेकिन खतरे की रेखा से ऊपर रहने के कारण स्थिति अभी भी नाजुक है। हजारों लोग अब भी शिविरों में हैं, कई इलाकों में बिजली-पानी की समस्या है और बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है। प्रशासन की कोशिश है कि हालात जल्दी सामान्य हों, लेकिन जब तक नदी खतरे के निशान से नीचे नहीं आती, तब तक सतर्कता बनाए रखना ज़रूरी है।
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