चांदी के दामों में भूचाल: 1 हफ्ते में ₹20,000 की टूट… क्या फूट गया बुलबुला जानें 5 मुख्य कारण
पिछले हफ्ते चांदी के बाजार में अचानक तेज गिरावट देखी गई MCX और घरेलू बाजार में चांदी के दाम 1 हफ्ते में लगभग ₹20,000 तक सस्ते हो गए इस तेजी से गिरावट ने निवेशकों और व्यापारियों के बीच चिंता पैदा कर दी है क्या यह सिर्फ मुनाफ़ावसूली है या चांदी का बुलबुला सचमुच फूट गया है आइए जानते हैं इसके 5 मुख्य कारण और निवेशकों के लिए इसके असर।
गिरावट के मुख्य कारण: मांग में कमी, मुनाफ़ावसूली और डॉलर की मजबूती।त्योहारी सीजन के बाद मांग में कमी
चांदी की खपत पर त्योहारों का सीधा असर दिखता है दिवाली और धनतेरस के समय ज्वैलरी और सिक्कों की खरीदारी बढ़ जाती है लेकिन त्योहार खत्म होने के बाद मांग में गिरावट आना स्वाभाविक है इस बार भी त्योहारी सीजन के बाद घरेलू बाजार में मांग कम होने के कारण कीमतें तेज़ी से नीचे आ गईं।
मुनाफ़ावसूली (Profit Booking)
पिछले कुछ महीनों में चांदी की कीमतें रिकॉर्ड ऊँचाई पर पहुँच चुकी थीं निवेशकों और ट्रेडर्स ने मुनाफ़ा कमाने के लिए बिकवाली शुरू की जब बड़ी मात्रा में निवेशक चांदी बेचते हैं तो बाजार में आपूर्ति बढ़ जाती है जिससे कीमतों में गिरावट आती है यह गिरावट धीरे-धीरे आती है जैसे इस हफ्ते देखने को मिली।
अमेरिकी डॉलर की मजबूती
वैश्विक राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता
हाल के समय में वैश्विक राजनीतिक तनाव कम हुए हैं अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव घटने के कारण सुरक्षित निवेश की मांग (Safe Haven Demand) कम हुई चांदी को अक्सर सुरक्षित निवेश के रूप में खरीदा जाता है जब जोखिम कम होता है तो निवेशक चांदी जैसी धातुओं से अपने पैसे निकाल लेते हैं जिससे कीमतें गिरती हैं।
कमोडिटी और ETF मार्केट में उतार-चढ़ाव
चांदी की कीमतें अब ETFs और कमोडिटी मार्केट के उतार-चढ़ाव से भी प्रभावित होती हैं।
इस हफ्ते ETF निवेशकों ने बड़े पैमाने पर चांदी बेच दी जिससे बाजार में दबाव बढ़ा ETF और ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म के आंकड़े यह दिखाते हैं कि पिछले 7 दिनों में लगभग ₹20,000 प्रति किलो की गिरावट इसी वजह से हुई।
चांदी का बुलबुला फूट गया या नहीं यह कहना जल्दबाजी होगी फिलहाल यह गिरावट मांग में कमी मुनाफ़ावसूली डॉलर की मजबूती और ETF बाजार की स्थिति जैसी कई वजहों से हुई है निवेशक धैर्य रखें और बाजार के रुझानों पर नजर बनाए रखें भविष्य में चांदी के दाम फिर से उछाल सकते हैं लेकिन इस समय सावधानी और सूझ-बूझ से निवेश करना ज़रूरी है।
