माथली ठाकुर का राजनीतिक सफर: अलीनगर चुनाव 2025 में क्या है भूमिका
बिहार की मिट्टी में जब भी लोकसंस्कृति और संगीत की बात होती है, तो सबसे पहले नाम आता है माथली ठाकुर का। अपनी सुरीली आवाज़ और पारंपरिक मैथिली गीतों से देश-दुनिया में पहचान बनाने वाली माथली ठाकुर अब राजनीति के मैदान में कदम रखती नज़र आ रही हैं 2025 के अलीनगर विधानसभा चुनाव में उनका नाम लगातार चर्चा में बना हुआ है। सवाल यह है क्या वास्तव में माथली ठाकुर अब राजनीति में उतरने जा रही हैं? और अगर हाँ, तो अलीनगर की राजनीति में उनकी भूमिका क्या होगी? चलिए जानते हैं पूरे सफर और संभावनाओं को विस्तार से।
उनके भाषणों में संस्कृति और विकास दोनों का मेल होता है।
संगीत से समाज सेवा तक का सफर
माथली ठाकुर का सफर बेहद प्रेरणादायक रहा है। बिहार के दरभंगा ज़िले से ताल्लुक रखने वाली इस प्रतिभाशाली गायिका ने अपने संगीत के ज़रिए मिथिला संस्कृति को नई पहचान दी। बचपन से ही संगीत उनके जीवन का अहम हिस्सा रहा है उनके गीतों में गाँव, समाज, संस्कृति और लोगों की भावनाओं की झलक साफ़ दिखती है। यही जुड़ाव लोगों के दिलों में उनके लिए एक सम्मान और विश्वास की भावना पैदा करता है धीरे-धीरे माथली ठाकुर ने सामाजिक मुद्दों पर भी बोलना शुरू किया जैसे महिला सशक्तिकरण, शिक्षा, और युवाओं के रोज़गार की समस्या। यही बातें अब उनके राजनीतिक सफर की नींव बनती दिख रही हैं।
अलीनगर चुनाव 2025 में बढ़ी हलचल
2025 के विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नज़दीक आ रहे हैं, अलीनगर सीट पर माथली ठाकुर का नाम हर जगह चर्चा में है राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा तेज़ है कि उन्हें किसी बड़े राजनीतिक दल से टिकट मिल सकता है। हालांकि उन्होंने अब तक आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा है, लेकिन उनके हालिया बयानों से साफ़ संकेत मिलता है कि वह राजनीति में आने के लिए तैयार हैं अलीनगर, दरभंगा ज़िले का अहम इलाका है, जहाँ की जनता मिथिला संस्कृति से गहराई से जुड़ी है। यही कारण है कि माथली ठाकुर जैसी लोकगायिका को वहाँ के लोग अपना मानते हैंउनकी लोकप्रियता सिर्फ सोशल मीडिया तक सीमित नहीं है गाँव की गलियों से लेकर शहर के कोनों तक, हर जगह लोग उन्हें “मिथिला की बेटी” कहकर पुकारते हैं।
जनता का रुझान: माथली के पक्ष में माहौल
अगर अलीनगर की जनता से बात की जाए तो साफ़ समझ आता है कि लोग माथली ठाकुर को राजनीति में देखने के लिए तैयार हैं एक स्थानीय बुज़ुर्ग ने कहा माथली दीदी हमार संस्कृति के गौरव बाड़े। अगर ऊ राजनीति में आवथिन, त हम जरूर वोट देब युवा वर्ग भी उनके साथ खड़ा दिख रहा है। उनका कहना है कि माथली ठाकुर राजनीति में नई सोच और साफ़ छवि लेकर आएँगी जहाँ बाकी नेता वादों में उलझे रहते हैं, वहीं माथली ठाकुर लोगों से जुड़ाव और ईमानदारी से जनता के दिल में जगह बना चुकी हैं।
अलीनगर सीट की सियासी समीकरण पर असर
अलीनगर सीट पर अब तक पारंपरिक राजनीतिक चेहरों का वर्चस्व रहा है। लेकिन माथली ठाकुर के आने से इस बार समीकरण पूरी तरह बदल सकते हैं विशेषज्ञों का मानना है कि अगर वे चुनाव लड़ती हैं, तो उन्हें महिलाओं और युवाओं का मज़बूत समर्थन मिलेगा इसके अलावा मिथिला क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान से उनका सीधा जुड़ाव भी वोटरों को प्रभावित कर सकता है उनकी मौजूदगी से यह चुनाव सिर्फ एक राजनीतिक मुकाबला नहीं रहेगा, बल्कि संस्कृति बनाम सत्ता की लड़ाई जैसा माहौल बन सकता है।
माथली ठाकुर की रैली अब अलीनगर की सबसे बड़ी चर्चा बन चुकी है।माथली ठाकुर का बयान और संकेत
हाल ही में सोशल मीडिया पर एक इंटरव्यू में जब उनसे पूछा गया कि क्या वे राजनीति में आ रही हैं, तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा मैं हमेशा चाहती थी कि अपने लोगों के लिए कुछ करूँ। अगर राजनीति इसके ज़रिए संभव है, तो मैं जरूर आगे बढ़ूँगी उनके इस बयान के बाद ही अलीनगर और दरभंगा के लोगों में नई उम्मीदें जगी हैं लोग मान रहे हैं कि अगर माथली ठाकुर राजनीति में आती हैं, तो वो सिर्फ चेहरा नहीं, बल्कि बदलाव की शुरुआत होंगी।
कला से नेतृत्व तक का सफर
माथली ठाकुर का अब तक का सफर कला, मेहनत और ईमानदारी का उदाहरण रहा है।
अब अगर वह राजनीति में कदम रखती हैं, तो यह मिथिला की सांस्कृतिक शक्ति का नया अध्याय साबित होगा।
अलीनगर चुनाव 2025 में उनका नाम सिर्फ उम्मीदवार की तरह नहीं, बल्कि जनता की उम्मीद के रूप में देखा जा रहा है लोगों को भरोसा है कि जिस तरह उन्होंने संगीत से दिल जीते हैं, उसी तरह अब वो राजनीति से दिलों में उम्मीद जगाएँगी आने वाले महीनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि मिथिला की ये बेटी किस पार्टी के साथ राजनीति की पारी शुरू करती हैं।
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