दिल्ली की नई शराब नीति 2025: हर ठेके पर प्रीमियम ब्रांड और बीयर की कानूनी उम्र 25 साल

दिल्ली की नई शराब पॉलिसी: अब हर ठेके पे प्रीमियम ब्रांड, बीयर पीने की उमर वही 25 साल

दिल्ली में सरकार अब एक नया दांव खेलने वाली है। शराब की पॉलिसी का ड्राफ्ट अगले एक महीने में टेबल पर आने वाला है। इस बार कुछ बड़े–बड़े बदला किए गए हैं। सबसे खास बात ये कि अब बीयर पीने की उमर वही रहेगी, 25 साल। और दूसरा बड़ा झटका–तड़का ये है कि अब हर ठेके पे प्रीमियम ब्रांड की बोतल टांग दी जाएगी। मतलब अब दारू लेने वाला बोलेगा – भाई किधर भी जाओ, माल फुल टॉप क्वालिटी का मिलेगा।

सरकार का मकसद राजस्व बढ़ाना और ग्राहक को सुविधा देना है।
                       दिल्ली में शराब की कीमतें NCR के बराबर करने पर विचार हो रहा है।

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राजस्व का खेल: घाटा बंद करने की जुगाड़

अभी की जो शराब नीति है, उसमें प्रीमियम ब्रांड सिर्फ कुछ चुनिंदा दुकानों पे ही मिलते हैं। इससे सरकार का भारी राजस्व घाटा हो रहा है। जो लोग बढ़िया दारू चाहते हैं, वो चोरी–छुपे, ब्लैक में या किसी जुगाड़ से लेते हैं। नई पॉलिसी का मकसद साफ़ है – सरकार बोले भाई सबको एक जैसा मौका दो, जो पिएगा, वो सीधे ठेके से लेगा। इससे टैक्स बढ़ेगा, सरकार की तिजोरी बजेगी और ब्लैक धंधा कट जाएगा। https://www.newsrohit.com/

बीयर की उमर 25 साल क्यों

अब बड़ा सवाल सबके दिमाग में यही है कि उमर की सीमा क्यों वही रखी गई। दरअसल, कुछ लोग चाहते थे कि इसे घटाकर 21 कर दिया जाए, जिससे नौजवान आसानी से बीयर ले सकें। लेकिन सरकार का कहना है कि अगर ये सीमा घटा दी तो अवैध शराब का खेल और बढ़ सकता है। 25 साल की लिमिट से कम से कम नियंत्रण रहेगा और समाज में भी इतना बवाल नहीं मचेगा। यानी जो पिएगा, वो कानूनी तौर पे पिएगा, वरना जेब ढीली होगी और चालान कटेगा।

नई ड्राफ्ट पॉलिसी अगले एक महीने में सरकार द्वारा पेश की जाएगी।
                            नई नीति से युवाओं के लिए कानूनी विकल्प आसानी से उपलब्ध होंगे।

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अवैध शराब और ब्लैक मार्केटिंग पर लगाम

दिल्ली में चोरी–छुपे बिकने वाली शराब का धंधा बड़ा है। गली–गली ठेके के बाहर खड़े दलाल लोग ब्लैक में बोतलें पकड़ाते हैं। सरकार मानती है कि ये सबसे बड़ा नुकसान है। नई पॉलिसी से जब हर जगह प्रीमियम ब्रांड मिलेंगे और उमर की सीमा भी तय रहेगी, तो लोग ब्लैक वालों के पास नहीं जाएंगे। इससे ना सिर्फ पब्लिक को फायदा होगा बल्कि सरकार को भी भारी कमाई होगी। 

हर ठेके पर प्रीमियम ब्रांड का जलवा

अभी दिल्ली में हाल ये है कि छोटे ठेकों पर सिर्फ देसी या मिडिल ब्रांड की बोतलें मिलती हैं। प्रीमियम ब्रांड के लिए अलग दुकान या खास इलाकों में जाना पड़ता है। लेकिन अब सरकार कह रही है – हर स्टोर पर एक जैसा माल मिलेगा। मतलब चाहे तुम साउथ दिल्ली जाओ या पुरानी दिल्ली, या फिर किसी कोने की गली में जाओ, ठेके पर तुम्हें बढ़िया ब्रांड की बोतल मिल ही जाएगी। इससे आम ग्राहक खुश होगा और धंधा भी साफ–सुथरा लगेगा।

एक्सपर्ट्स की राय: फायदा या नुकसान

कई एक्सपर्ट मान रहे हैं कि इस पॉलिसी से सरकार की कमाई तो बढ़ेगी ही, लेकिन इसके साथ–साथ दिल्ली की शराब कल्चर में भी बदलाव आएगा। लोगों को आसानी से प्रीमियम ब्रांड मिलना शुरू हो जाएगा, तो पब्लिक धीरे–धीरे देसी छोड़कर महंगी बोतलों की तरफ बढ़ेगी। इससे पीने की संस्कृति बदलेगी और शायद समाज में शराब की खपत भी बढ़ सकती है। दूसरी तरफ, कुछ लोग मानते हैं कि सरकार का असली मकसद कमाई बढ़ाना है, समाज की चिंता बस दिखावा है।           दिल्ली की नई शराब नीति में हर ठेके पर प्रीमियम ब्रांड मिलने की योजना है।                        बीयर और शराब पीने की कानूनी उम्र अभी भी 25 साल ही रहेगी।

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विपक्ष का हमला: युवा पीढ़ी बर्बाद होगी 

दिल्ली की विपक्षी पार्टियाँ पहले से ही शराब नीति पर हमला करती रही हैं। उनका कहना है कि सरकार बार–बार पॉलिसी बदल रही है, ताकि सिर्फ ठेकेदारों और शराब कंपनियों को फायदा मिले। अब जब ये नई ड्राफ्ट आएगी, तो पक्का विरोध होगा। विपक्ष बोलेगा – हर ठेके पे प्रीमियम ब्रांड का मतलब है, युवाओं को और ज्यादा लत लगाना। सरकार जरूर बचाव में कहेगी कि ये कदम ब्लैक मार्केटिंग रोकने और टैक्स बढ़ाने के लिए है, पर राजनीति का खेल तो चलेगा ही।   

आगे क्या होगा?

अभी तो बस ड्राफ्ट की तैयारी चल रही है। अगले एक महीने में ये फाइल खुलकर सामने आएगी। फिर विधानसभा में चर्चा होगी, लोग तर्क–वितर्क करेंगे और फिर पॉलिसी को लागू किया जाएगा। इसके बाद ठेकों की सूरत बदल जाएगी। दिल्ली की सड़कों पर चलते हुए हर ठेके पर बड़े–बड़े ब्रांड के पोस्टर और चमचमाती बोतलें दिखेंगी। और पब्लिक बोलेगी – अब तो दिल्ली में हर ठेके पर माल है, भाई।

दिल्ली शराब नीति 2025 का सार और मुख्य बिंदु

नई शराब पॉलिसी का मतलब साफ है –
 हर स्टोर पर प्रीमियम ब्रांड मिलेगा।
 बीयर पीने की उमर वही 25 साल रहेगी।
 ब्लैक मार्केटिंग और अवैध शराब पर रोक लगेगी।
 सरकार की जेब भरेगी और विपक्षी दल हल्ला मचाएँगे।

अब देखना यही है कि जब ये पॉलिसी लागू होगी तो दिल्ली का माहौल कैसे बदलता है। शराब पीने वाले खुश होंगे या परेशान, और सरकार का खजाना कितना भरता है – ये आने वाले महीनों में पता चल ही जाएगा।

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