बिलासपुर रेल दुर्घटना: पूरी जानकारी, कारण और ताज़ा अपडेट
मंगलवार, 4 नवंबर 2025 की शाम छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के पास एक भीषण हादसा हुआ। एक यात्री ट्रेन और मालगाड़ी के बीच जोरदार टक्कर हुई, जिससे यात्रियों और रेलवे प्रशासन दोनों के लिए तत्काल राहत और बचाव अभियान शुरू करना पड़ा। आइए जानते हैं पूरी जानकारी, कारण और ताज़ा अपडेट।
रेलवे अधिकारी घटनास्थल का निरीक्षण करते हुए।दुर्घटना कब और कहाँ हुई?
हादसा मंगलवार शाम लगभग 4 बजे हुआ। कोरबा से गेवरा रोड होते हुए बिलासपुर जा रही MEMU पैसेंजर ट्रेन सड़क पर खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई टक्कर इतनी भीषण थी कि पैसेंजर ट्रेन के दो डिब्बे पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। यह घटना बिलासपुर रेल मंडल के बेलगहना और दाधापारा स्टेशनों के बीच हुई स्थानीय लोगों ने तुरंत रेलवे नियंत्रण कक्ष और पुलिस को सूचना दी। कुछ ही मिनटों में NDRF और रेलवे रेस्क्यू टीम घटनास्थल पर पहुँच गई।
राहत और बचाव कार्य
हादसे के तुरंत बाद राहत और बचाव अभियान शुरू हुआ। घायलों को बिलासपुर जिला अस्पताल और सिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया लगभग चार से आठ लोगों की मौत हुई 14 से ज़्यादा यात्री घायल, जिनमें कई की हालत गंभीर है फंसे यात्रियों को निकालने के लिए क्रेन और गैस कटर का इस्तेमाल किया गया स्थानीय लोगों ने भी मदद की। कुछ ने घायलों को पानी और खाना दिया, तो कई ने उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला रेल मंत्री ने कहा जांच पूरी होने तक निष्कर्ष नहीं निकाला जाएगा, लेकिन लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
क्रेन और गैस कटर का इस्तेमाल बचाव कार्य में।मुआवजा और सरकारी घोषणाएँ
सरकार ने मृतकों और घायलों के लिए राहत राशि की घोषणा की मृतकों के परिवारों को ₹10 लाख गंभीर रूप से घायलों को ₹5 लाख मामूली रूप से घायलों को ₹1 लाख रेलवे ने यात्रियों और परिवारों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए।
प्रारंभिक रिपोर्टों से पता चला है कि यह दुर्घटना सिग्नल की खराबी या मानवीय त्रुटि के कारण हुई।
कुछ अधिकारियों का कहना है कि स्वचालित सिग्नल प्रणाली में गड़बड़ी हुई, जिससे चालक आगे चल रही मालगाड़ी को नहीं देख पाया रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। रेलवे पूरे खंड पर तकनीकी निरीक्षण कर रहा है।
रेलवे यातायात पर प्रभाव
दुर्घटना के बाद, बिलासपुर-कोरबा रेल मार्ग पर कई ट्रेनों का मार्ग परिवर्तित या रद्द किया गया।
रेलवे इंजीनियरिंग टीमें पटरी साफ करने और क्षतिग्रस्त डिब्बों को हटाने में जुटी हैं। लोग सोशल मीडिया पर हादसे पर दुःख और गुस्सा व्यक्त कर रहे हैं कई यात्रियों ने लिखा कि रेलवे को अपनी सिग्नलिंग प्रणाली और सुरक्षा मानकों को तुरंत सुधारना चाहिए स्थानीय प्रशासन ने कहा अगर यह प्रणाली समय पर काम करती, तो इतनी जानें नहीं जातीं कुछ लोगों ने मौके पर जाकर घायलों को पानी, खाना और स्ट्रेचर दिया।
भविष्य के लिए सबक
स्वचालित सिग्नलिंग प्रणाली ड्राइवरों का पुनशिक्षण और ट्रैक मॉनिटरिंग तकनीक को मजबूत करना अत्यंत आवश्यक है बिलासपुर रेल दुर्घटना केवल खबर नहीं बल्कि यह याद दिलाती है कि छोटी सी लापरवाही या तकनीकी गड़बड़ी भी बड़ी त्रासदी में बदल सकती है हम मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं रेलवे प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए हर स्तर पर सुधार किए जाएंगे।
