बुलंदशहर इंटर कॉलेज में फॉगिंग के बाद 100 से ज्यादा छात्र बीमार, हड़कंप
छात्र अचानक बेहोश होकर गिरने लगे
गवाहों के अनुसार, सुबह करीब 10 बजे जैसे ही कक्षाओं में फॉगिंग मशीन चलाई गई, कुछ ही मिनटों में कई छात्र-छात्राओं को तेज बदबू और सांस लेने में परेशानी होने लगी। कई बच्चे अचानक बेहोश होकर गिर पड़े। कुछ ने उल्टी करना शुरू कर दिया। इस दृश्य को देखकर टीचर्स और अन्य छात्र घबरा गए और तुरंत सभी को क्लास से बाहर निकाला गया।
35 से ज्यादा की हालत गंभीर, अस्पताल में भर्ती
घटना के बाद कॉलेज प्रशासन ने तुरंत एंबुलेंस बुलाई। करीब 100 से ज्यादा बच्चों को नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) स्याना और बुलंदशहर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। इनमें से करीब 35 छात्रों की हालत गंभीर बताई जा रही है। अस्पताल के डॉक्टरों के अनुसार, कई बच्चों को सांस लेने में तकलीफ, सीने में जलन और तेज उल्टी की शिकायत थी। फिलहाल सभी का इलाज जारी है।
फॉगिंग में मिलावट या लापरवाही की आशंका
स्थानीय सूत्रों ने बताया कि कॉलेज में मच्छरों से बचाव के लिए हर साल फॉगिंग कराई जाती है, लेकिन इस बार इस्तेमाल किए गए रसायन की गंध बेहद तीखी थी। आशंका है कि या तो कीटनाशक का घोल ज्यादा मात्रा में मिलाया गया था या फिर गलत केमिकल का इस्तेमाल हुआ। फिलहाल स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।
माता-पिता में दहशत का माहौल
घटना की खबर मिलते ही बड़ी संख्या में अभिभावक कॉलेज और अस्पतालों में पहुंच गए। बच्चों की हालत देखकर कई माता-पिता के आंसू निकल पड़े। एक अभिभावक ने बताया, "हमारे बच्चों को पढ़ने के लिए स्कूल भेजते हैं, लेकिन ऐसी लापरवाही से उनकी जान भी जा सकती थी। यह बेहद डराने वाला है।"
जांच के आदेश, जिम्मेदारों पर होगी कार्रवाई
बुलंदशहर के डीएम ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित की गई है। जो भी अधिकारी या फॉगिंग कंपनी दोषी पाई जाएगी, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं शिक्षा विभाग ने फिलहाल कॉलेज में कक्षाएं स्थगित कर दी हैं।
इलाके में मचा हड़कंप
इस घटना ने पूरे बुलंदशहर और स्याना क्षेत्र में दहशत फैला दी है। लोग अब सवाल उठा रहे हैं कि अगर फॉगिंग जैसे साधारण काम में इतनी बड़ी चूक हो सकती है तो बच्चों की सुरक्षा किसके भरोसे है?
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