गाजियाबाद हादसा: कुत्ते को बचाने में महिला दरोगा रिचा सचान की दर्दनाक मौत

गाजियाबाद में दर्दनाक हादसा: कुत्ते को बचाने के चक्कर में महिला दरोगा की मौत

अचानक आया कुत्ता और हादसा बन गया मौत की वजह

गाजियाबाद की शांत सड़कों पर रविवार की रात करीब 2 बजे एक ऐसी घटना घटी, जिसने पुलिस महकमे से लेकर पूरे शहर को गहरे सदमे में डाल दिया। कविनगर थाना क्षेत्र के शास्त्री नगर चौकी पर तैनात महिला सब-इंस्पेक्टर रिचा सचान अपनी बुलेट बाइक से घर लौट रही थीं। सड़क पर अचानक एक आवारा कुत्ता आ गया। इंसानियत का परिचय देते हुए रिचा ने तुरंत ब्रेक मारा और कुत्ते को बचाने की कोशिश की, लेकिन बाइक का बैलेंस बिगड़                      रिचा सचान – एक बहादुर अफसर, जो ड्यूटी निभाते-निभाते चल बसीं।                                                                                              

उसी वक्त पीछे से आ रही तेज रफ्तार कार ने उन्हें टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि रिचा गंभीर रूप से घायल हो गईं। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन दुर्भाग्य से डॉक्टर उनकी जान नहीं बचा सके।https://www.newsrohit.com/


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हेलमेट होने के बावजूद नहीं बच सकी जान

रिचा सचान ने हेलमेट पहना हुआ था, जो सड़क सुरक्षा के प्रति उनकी सजगता को दर्शाता है। मगर हादसा इतना भयानक था कि हेलमेट भी उनकी जान नहीं बचा सका। सिर और शरीर पर गंभीर चोटें लगीं, जिससे उनकी मौके पर ही हालत नाजुक हो गई थी। https://www.newsrohit.com/

           सड़क पर कुत्ते को बचाते हुए दुर्घटना का शिकार हुईं महिला दरोगा रिचा सचान।

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रिचा सचान कौन थीं?

रिचा सचान मूल रूप से कानपुर की रहने वाली थीं। साल 2023 में उन्होंने पुलिस सेवा जॉइन की थी और गाजियाबाद के कविनगर थाना क्षेत्र की शास्त्री नगर चौकी पर बतौर सब-इंस्पेक्टर तैनात थीं। अपने काम के प्रति वह बेहद ईमानदार और जिम्मेदार अफसर मानी जाती थीं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, रिचा सचान का सपना सिर्फ पुलिस तक सीमित नहीं था, बल्कि वह आगे चलकर IAS अधिकारी बनना चाहती थीं। मेहनती और ऊर्जावान शख्सियत होने के कारण उनकी पहचान महकमे में अलग ही थी। उनकी अचानक मौत ने न केवल पुलिस विभाग को, बल्कि उनके परिवार और परिचितों को गहरे सदमे में डाल दिया है। https://www.newsrohit.com/

पुलिस विभाग और साथियों में शोक

इस घटना के बाद गाजियाबाद पुलिस विभाग में शोक की लहर दौड़ गई। साथी अफसरों ने कहा कि रिचा हमेशा मदद के लिए तैयार रहती थीं और उनका व्यवहार बेहद मिलनसार था। इतनी कम उम्र में उनका इस तरह जाना सभी के लिए बेहद दुखद है। https://www.newsrohit.com/

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आवारा कुत्तों का बढ़ता खतरा

यह हादसा एक और बड़ी समस्या की ओर भी इशारा करता है – सड़क पर घूमते आवारा कुत्ते। अक्सर लोग इन्हें देखकर अचानक ब्रेक लगा देते हैं और कई बार बड़े हादसे हो जाते हैं। रिचा का हादसा भी उसी समस्या का परिणाम है। अब सवाल उठता है कि आखिर कब तक लोग इस तरह की जानलेवा स्थितियों से जूझते रहेंगे?https://www.newsrohit.com/

समाज के लिए एक सीख

रिचा सचान का यह हादसा हमें सिखाता है कि सड़क पर छोटी-सी लापरवाही या अचानक आई कोई बाधा किस तरह जिंदगी छीन सकती है। उनकी इंसानियत ने उन्हें कुत्ते को बचाने पर मजबूर किया, लेकिन किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया। https://www.newsrohit.com/

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