प्रयागराज: अली अहमद की जमानत अर्जी खारिज, कोर्ट ने बताया गंभीर आरोप
प्रयागराज, 20 अगस्त 2025 – माफिया अतीक अहमद के शूटर साबिर के सहयोगी अली अहमद की जमानत अर्जी को एडीजे कोर्ट ने खारिज कर दिया है। यह फैसला अली अहमद के खिलाफ दर्ज गंभीर आरोपों को देखते हुए लिया गया है। अदालत ने स्पष्ट किया कि आरोपी को अगर जमानत मिल जाती तो यह गवाहों और समाज के लिए खतरे की स्थिति पैदा कर सकता है।
प्रयागराज कोर्ट में अली अहमद की जमानत अर्जी खारिजhttps://www.newsrohit.com/2025/08/ghaziabad-shocking-murder.html
कोर्ट का निर्णय
एडीजे कोर्ट के न्यायाधीश मनोज सिंह ने बताया कि अली अहमद का आपराधिक इतिहास गंभीर है और उसके द्वारा की गई गतिविधियाँ समाज में अशांति पैदा कर सकती हैं। कोर्ट ने यह भी माना कि अली अहमद पर दर्ज मामलों की गंभीरता देखते हुए उसे फिलहाल जेल में ही रखा जाना चाहिए। न्यायालय ने कहा कि जमानत देने से न सिर्फ समाज को खतरा होगा बल्कि गवाहों की सुरक्षा भी प्रभावित होगी। https://www.newsrohit.com/
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अली अहमद पर दर्ज आरोप
अली अहमद के खिलाफ फाफामऊ थाना, प्रयागराज में 17 जुलाई 2025 को धोखाधड़ी, जबरन वसूली और धमकी जैसे गंभीर आरोपों में एफआईआर दर्ज की गई थी। आरोप है कि अली अहमद ने पीड़ित से 5 लाख रुपये की रंगदारी की मांग की थी और पैसे न देने पर जान से मारने की धमकी दी थी।
साथ ही, अली अहमद का नाम उमेश पाल हत्याकांड में भी सामने आया। उसने अपने बयान में इस घटना की पहले से जानकारी होने की बात स्वीकार की थी। इससे यह स्पष्ट होता है कि अली अहमद की आपराधिक गतिविधियाँ केवल एक या दो मामलों तक सीमित नहीं हैं। https://www.newsrohit.com/
अली अहमद का आपराधिक इतिहास
अली अहमद पहले भी कई आपराधिक मामलों में फंस चुका है, जिनमें हत्या का प्रयास, जबरन वसूली और अन्य गंभीर आरोप शामिल हैं। इस तरह का इतिहास और लगातार सामने आने वाले नए मामले कोर्ट के निर्णय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
कोर्ट ने यह भी नोट किया कि अली अहमद की गतिविधियों के कारण समाज में भय और अशांति फैली हुई है। ऐसे में जमानत देने का कोई आधार नहीं बचता। https://www.newsrohit.com/
कोर्ट का रुख और अगली सुनवाई
कोर्ट ने अली अहमद की जमानत अर्जी को पूरी तरह से खारिज कर दिया और उसे फिलहाल जेल में ही रखने का आदेश दिया। अली अहमद की अगली सुनवाई की तारीख अभी निश्चित नहीं की गई है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर आरोपी के खिलाफ आगे कोई नया सबूत सामने आता है, तो उसकी कानूनी कार्रवाई तेजी से की जाएगी।
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सामाजिक प्रतिक्रिया
प्रयागराज में इस फैसले का स्वागत किया जा रहा है। नागरिकों का कहना है कि अली अहमद जैसे आरोपी को जमानत मिलने से समाज में भय का माहौल बन सकता था। स्थानीय मीडिया और सुरक्षा एजेंसियों ने भी इस फैसले की सराहना की है। https://www.newsrohit.com/
निष्कर्ष
अली अहमद की जमानत खारिज होने से स्पष्ट होता है कि कोर्ट गंभीर अपराधों के मामलों में कड़ी कार्रवाई कर रही है। अली अहमद फिलहाल जेल में ही रहेगा और समाज की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह कदम आवश्यक था।
यह फैसला उन नागरिकों और पीड़ितों के लिए भी संदेश है कि कानून का पालन करना अनिवार्य है और अपराधियों को कानून के कठोर प्रावधानों के तहत सजा मिलेगी। https://www.newsrohit.com/
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