शीर्षक: तमिलनाडु के फार्मा मालिक गिरफ्तार: जहरीली खांसी की सिरप से 17 बच्चों की मौत, जांच में चौंकाने वाले खुलासे
मध्य प्रदेश में बच्चों की मौत का यह मामला अब पूरे देश में सुर्खियों में है। खांसी की सिरप से हुई 17 बच्चों की मौत के बाद पुलिस ने तमिलनाडु की दवा कंपनी स्रीसन फार्मास्यूटिकल्स के मालिक एस. रंगनाथन को गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी चेन्नई से की गई है। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने कंपनी के दफ्तर और फैक्ट्री पर छापेमारी कर जरूरी दस्तावेज और दवा के नमूने जब्त किए हैं।
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जहरीली दवा से बच्चों की मौत का सिलसिला
मामला मध्य प्रदेश के दमोह और आसपास के इलाकों से शुरू हुआ था। यहां दर्जनों बच्चों को खांसी और जुकाम की शिकायत के बाद डॉक्टरों ने कोल्डरिफ (Coldrif) नाम की सिरप दी थी। कुछ दिनों बाद बच्चों की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी। कई बच्चों को उल्टी, चक्कर और बेहोशी की शिकायत हुई। जब परिवार वाले अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टरों ने पाया कि बच्चों के शरीर में जहर फैल चुका है। इलाज के बावजूद 17 मासूमों की मौत हो गई।
लैब रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा
मौत के बाद सरकार ने सिरप के नमूने जांच के लिए भेजे। रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि सिरप में डायथिलीन ग्लाइकॉल (Diethylene Glycol) नाम का जहरीला रसायन मौजूद था। यह वही केमिकल है जिसका इस्तेमाल औद्योगिक उत्पादों जैसे ब्रेक ऑयल और पेंट बनाने में किया जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक, सिरप में इस रसायन की मात्रा सुरक्षित सीमा से 500 गुना ज्यादा थी। यानी यह दवा शरीर के लिए ज़हर साबित हुई।
जांच में सामने आई लापरवाही
जांच में पता चला कि स्रीसन फार्मास्यूटिकल्स ने उत्पादन के दौरान गुणवत्ता मानकों की अनदेखी की थी। कंपनी के पास जरूरी लाइसेंस तो था, लेकिन लैब टेस्टिंग और केमिकल सोर्सिंग में भारी लापरवाही बरती गई। सूत्रों के मुताबिक, कंपनी ने जिस सॉल्वेंट का इस्तेमाल किया, वह मेडिकल ग्रेड का नहीं था, बल्कि इंडस्ट्रियल ग्रेड का था — जो इंसानों के इस्तेमाल के लिए खतरनाक होता है।
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मामले की गंभीरता को देखते हुए मध्य प्रदेश पुलिस ने विशेष टीम बनाई और जांच को आगे बढ़ाया। कई हफ्तों की जांच के बाद पुलिस ने कंपनी के मालिक एस. रंगनाथन को तमिलनाडु के चेन्नई से गिरफ्तार किया। पुलिस का कहना है कि मालिक को पहले से पता था कि दवा के सैंपल फेल हो चुके हैं, फिर भी उसने बाजार में सिरप की सप्लाई जारी रखी। अब उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है।
सरकार की सख्त कार्रवाई
केंद्र सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्रीसन फार्मास्यूटिकल्स की सभी उत्पाद लाइसेंसों की जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही, देशभर में इस कंपनी की बनी सिरप को तुरंत बाजार से हटाने के निर्देश जारी किए गए हैं। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने कहा है कि किसी भी राज्य में इस कंपनी की दवा मिले तो उसे तुरंत जब्त किया जाए।
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विदेशी मामलों से भी जुड़ा संदर्भ
यह कोई पहला मामला नहीं है जब भारत में बनी दवा को लेकर ऐसी घटना सामने आई हो। इससे पहले 2023 में भी गांबिया और उज्बेकिस्तान में भारतीय सिरप से बच्चों की मौत की खबरें आई थीं। उस वक्त भी डायथिलीन ग्लाइकॉल के इस्तेमाल की बात सामने आई थी। सरकार ने तब कई दवा कंपनियों पर सख्त कार्रवाई की थी, लेकिन लगता है कि कुछ कंपनियों ने उससे सबक नहीं लिया।
फार्मा विशेषज्ञों का कहना है कि डायथिलीन ग्लाइकॉल बेहद जहरीला पदार्थ है, जो शरीर के किडनी और लीवर को तेजी से नुकसान पहुंचाता है। थोड़ी-सी मात्रा भी जानलेवा हो सकती है। उनका कहना है कि हर दवा निर्माता को उत्पादन से पहले लैब में हर बैच का परीक्षण करना अनिवार्य होता है, लेकिन छोटे निर्माता अक्सर इस प्रक्रिया को नजरअंदाज कर देते हैं
